खास खबर- सिरमौर को कब होंगे स्वदेश दर्शन....ddnewsportal.com

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फोटो: सिरमौर जिला के प्रमुख धार्मिक स्थल

खास खबर- सिरमौर को कब होंगे स्वदेश दर्शन....

टूरिस्ट सर्किट बनें तो हो सकता है जिले का बेड़ा पार

गुरु गोबिंद सिंह जी, चूड़ेश्वर महादेव, मां रेणुकाजी व मां भंगायणी टूरिस्ट सर्किट के लिए प्रदेश सरकार केंद्र को भेजें प्रपोजल, तो धार्मिक पर्यटन को लगेंगे पंख

स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रदेश को केन्द्र सरकार से हर साल मिलने वाली करोडों रूपये की सौगात का जिला सिरमौर को कोई लाभ नही मिलता। हर साल केंद्र सरकार उक्त योजना के तहत प्रदेश सरकार को धनराशि देती है लेकिन सिरमौर जिला मे कोई भी टूरिस्ट सर्किट न होने के कारण एक भी पैसा इस राशि से जिले मे खर्च नही हो पाता। जबकि सिरमौर की प्राकृतिक और धार्मिक सुंदरता किसी से छिपी नही है। जानकारों की माने तो जब तक सिरमौर जिला किसी टूरिस्ट सर्किट से नही जुड़ेगा तो उसे लाभ नही मिलेगा और न ही जिला मे पर्यटन की गतिविधियों को पंख लग पायेंगे। हालांकि जिलाधीश सिरमौर डाॅ आरके प्रूथी पर्यटन निगम के साथ अपने स्तर पर जिले मे पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है और बीते कुछ दिनों मे संभावित पर्यटक स्थलों का दौरा कर सभी संभावनाओं को तलाश रहे हैं। लेकिन बजट के अभाव मे ये योजनाएं कितने समय मे सिरे चढ़ेगी इसका कोई अंदाजा फिलहाल नही है। बीते माह के भीतर जिलाधीश सिरमौर ने चूड़धार, राजगढ़ और शिलाई क्षेत्र के चांदपुरधार मे जाकर पैराग्लाईडिंग की संभावनाओ को तलाशा है। उम्मीद की जा रही है कि पांवटा साहिब के गिरिपार क्षेत्र के आंजभोज के डांडा आंज एरिया को भी पैराग्लाईडिंग सर्वे के लिए जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही उनसे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देने के प्रयास करने की भी लोग आशा रख रहें हैं। यहां आपको बता दें कि ब्लू प्रिंट विजन कमेटी के संयोजक अनिन्द्र सिंह नौटी ने वर्ष 2018 मे शिमला मे पर्यटन पर हुई एक कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया था। श्री नौटी ने कहा था कि सिरमौर में भी कई धार्मिक पर्यटन स्थल है यदि सिरमौर जिले में कोई पर्यटन सर्किट बनाया होता तो आज स्वदेश दर्शन योजना का लाभ सिरमौर जिले को भी मिल जाता। लेकिन सिरमौर जिले में पर्यटन सर्किट नही बनाया गया है। सिरमौर जिला तो आज भी विकास के मामले में प्रदेश में 11वें स्थान पर है। जबकि इस जिले से मुख्यमंत्री समेत कई मंत्री व सीपीएस सरकार मे रहे है। सिरमौर जिले में पांवटा साहिब प्रदेश का सबसे बड़ा व ऐतिहासिक गुरूद्वारा है। यहां पर भंगानी साहिब गुरूद्वारा हैं। इसके अलावा सिरमौर जिले के श्री रेणुका जी में प्राकृतिक मानवाकार झील है। इसके अलावा हरिपुरधार में भंगायनी माता का मंदिर है। त्रिलोकपुर में मां बालासुंदरी मंदिर व पांवटा में कईं ऐतिहासिक मंदिर है। साथ ही सिरमौर और शिमला जिले की सीमा पर प्रसिद्व धार्मिक स्थल चूड़धार मे चूड़ेश्वर महादेव का मंदिर है। फिर भी आज तक जिले को धार्मिक पर्यटन के सर्किट से नहीं जोड़ा गया। पांवटा की ब्लू प्रिंट विजन कमेटी के संयोजक का कहना है कि जिस प्रकार बुद्धा टूरिस्ट सर्किट तीन राज्यों पंजाब के किरतपूर से हिमाचल के मनाली और जेएंडके के लद्दाख तक बना हुआ है। उसी तर्ज पर श्री गुरु गोबिंद सिंह जी धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाया जा सकता है। यह सर्किट हरियाणा के टोका साहिब गुरुद्वारे से लेकर हिमाचल के सिरमौर जिला के नाहन, पांवटा साहिब, तीरगढ़ी साहिब और भंगानी साहिब तक बनना चाहिए। इसके अलावा भी मां रेणुका जी और चूड़ेश्वर धार्मिक पर्यटन सर्किट भी जिले के विकास को चार चांद लगा सकता है। जिसमे जिले सहित अन्य प्रदेश के भोले बाबा के अहम मंदिरों को जोड़ा जा सकता है। इससे जिले का विकास भी होगा और पर्यटक जिला मे आकर धार्मिक स्थलों के बेहतरीन दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार को केन्द्र के लिए एक प्रपोजल भेजना चाहिए। तभी जिला

सिरमौर को स्वदेश दर्शन योजना का लाभ मिल सकता है। इस बारे कमेटी ने कनक्लेव भी की और हर स्तर से सरकार को अपने सुझाव भी भेजे हैं। नौटी ने कहा कि पर्यटन और बागवानी एक दूसरे के पूरक के रुप मे समायोजित किये जायें तो पर्यटन को नई दिशा दे सकते हैं। यदि इस दिशा मे प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को एक प्रपोजल भेजें और उसे स्वीकृति मिलें तो जिला सिरमौर भी पर्यटन की दिशा मे ऊंची उड़ान भर सकता है।